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शुक्र और राहु की युति: भोग-विलास, प्रेम, और रहस्यमय प्रभावों का ज्योतिषीय विश्लेषण
December 17, 2024

शुक्र और राहु की युति: भोग-विलास, प्रेम, और रहस्यमय प्रभावों का ज्योतिषीय विश्लेषण

                  शुक्र और राहु की युति  

ग्रहो की युति का प्रभाव इस बिंदु पर निर्भर करता है की युति किस भाव में और किस राशि में बनी है साथ ही कुंडली किस लग्न की है परन्तु एक सामान्य अंदाजा लगाया जा सकता है। 
ज्योतिष में शुक्र भोग विलास , सुंदरता , और सम्बन्धो का मुख्या कारक है दूसरी तरफ राहु माया का , भ्रम का , इच्छाओ का प्रतिनिधित्व करता है। 
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A ) इस युति के कारण व्यक्ति की भौतिक चीज़ों की प्रति आकांक्षा पैदा होती है। 
    – यदि ये युति उच्च राशि में बनी हो जैसे मीन , तुला , या वृषभ तो व्यक्ति को धन समृद्धि तथा उच्च जीवनशैली प्रदान करती है। 
B ) समबन्ध और प्रेम : 
        – यदि ये युति 5th भाव में बने तो ये ऐसे में व्यक्ति विपरीत लिंग के लोगो में काफी प्रसिद्ध होता है।  विपरीत लिंग के लोग उसके प्रति आकर्षित होते है। 
        – love affairs हो सकते है। 
        – परन्तु प्रेम समबन्धो में कुछ समस्या भी रह सकती है जैसे obession . 
       – इसके अतिरिक्त व्यक्ति को रचना और कला के क्षेत्र में दिलचस्पी रह सकती है साथ ही इन क्षेत्रो में सफलता भी मिल सकती है। 
       – सातवे भाव में युति होने पर व्यक्ति का  जीवन साथी आकर्षक हो सकता है , उसके विदेश से सम्बन्ध हो सकते है। 
     – परन्तु सम्बन्धो में समस्या जैसे Misunderstanding , और over expectations रह सकती है। 
C )   कला के  क्षेत्र में सफलता
       
       – यदि ये युति 5th , 10th या 11th  भाव में बनती है तो व्यक्ति कला के क्षेत्र में जैसे एक्टिंग , फिल्म उद्योग , या ग्लैमर की दुनिया में सफलता प्राप्त कर सकता है।  
      – राहु की ऊर्जा शुक्र के कला गुण को बढ़ावा देती है जो व्यक्ति को प्रसिद्धि दिलवा सकता है। 
D ) विदेश से सम्बन्ध :
      – चूँकि राहु विदेश अनुभव का प्रतिनिधित्व करता है , इस युति से व्यक्ति के विदेश सम्बद्ध , या विदेशी जीवनशैली हो सकती है और वो विदेश से सामान माँगा सकता है।  
    – अगर युति 12th भाव में हो तो व्यक्ति विदेश से धन भी कमा सकता है। 
E ) यदि ये युति कमजोर हो तो व्यक्ति अपनी इच्छाओ ( luxury , प्रेम , sex ) में overindulge हो जाता है जो नुक्सान और असंतुष्टि का कारण बन सकता है। 
     – यदि युति आठवे भाव में बने तो व्यक्ति को गूढ़ विज्ञानं की समझ हो सकती है , दिलचस्पी हो सकती है पर इस भाव की युति सम्बन्ध और फाइनेंस की लिए अच्छी नहीं मानी जाती।  हां यदि युति उच्च राशि में हो तो बात अलग है।  
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साथ ही अगर आप अपनी कुंडली का विश्लेषण कराना चाहते है तो हमे shriramajyotishpeeth@gmail.com पर ईमेल कर सकते है या Ask your question इस लिंक पर जाकर अपना सवाल पूछ सकते है। 

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